
बैंक ऑफ इंडिया स्टार स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से विनोद ने शुरू किया मोटर रिवाईंडिंग का व्यवसाय
खंडवा- यह एक ऐसे लड़के की प्रेरणादायक कहानी है जिसने निर्धनता की दशा से ऊपर उठकर यह सिद्ध कर दिखाया कि उसमें संकल्प शक्ति अपार है। श्री विनोद पटेल (गुर्जर), विकासखंड छैगाँवमाखन के छोटे से गाँव हरसवाड़ा के रहने वाले हैं। विनोद ने बचपन से ही अत्यंत कठिनाइयों का सामना किया है। मात्र पाँच वर्ष की आयु में ही उनके पिता का देहावसान हो गया था। इतनी कम उम्र में पिता को खोने के बाद विनोद की माताजी ने बड़ी ही मेहनत और परिश्रम से विनोद का लालन-पालन किया। अल्पायु में ही विनोद ने घर परिवार एवं खेती की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। खेत में काम करने के साथ-साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दिया और 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की, परंतु जिम्मेदारी बढ़ने के कारण आगे पढ़ाई नहीं की। खेती से विनोद को जो आय होती थी, वह पर्याप्त एवं नियमित नहीं थी। इस कारण विनोद ने खेती के साथ-साथ अन्य कोई व्यवसाय करने का निर्णय लिया। खेती और गाँव की दशा को देखते हुये मोटर रिपेयरिंग की दुकान खोलने का मन बनाया। कहते हैं न जहां चाह होती है, वहाँ राह अपने आप निकाल आती है। ऐसा ही कुछ विनोद के साथ भी हुआ। विनोद को बैंक ऑफ इंडिया आरसेटी खंडवा का पम्पलेट मिला, इसके बाद विनोद ने आरसेटी खंडवा में आ कर अपनी मंशा आरसेटी स्टाफ के समक्ष व्यक्त की और मोटर रिवाईंडिंग का कोर्स करने के लिए आवेदन कर प्रशिक्षण में भाग लिया।
प्रशिक्षण के दौरान विनोद ने मोटर रिवाईंडिंग एवं मरम्मत की तकनीक को बारीकी से सीखा। इसके साथ ही बैंकिंग और व्यवसाय से संबंधित ज्ञान भी प्राप्त किया, जिस कारण स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया । प्रशिक्षण उपरान्त विनोद ने खेती का काम करने के साथ ही घर पर ही मोटर रिवाईंडिंग एवं मरम्मत का काम करना शुरू कर दिया। गाँव एवं आसपास के गाँव के लोग उसके पास मोटर मरम्मत, पंखे, मिक्सर आदि सुधरवाने के लिए आने लगे। धीरे-धीरे विनोद का कारोबार बढ़ने लगा तथा कुछ माह बाद उसने छैगाँवमाखन में मेन रोड पर एक दुकान किराए पर ली एवं अपने व्यवसाय को और बड़ा आकार दिया। वर्तमान में विनोद अपने व्यवसाय से 25 हजार से 30 हजार रुपये हर महीने लाभ कमा रहे हैं एवं अपने परिवार का लालन-पालन अच्छी तरह से कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने दो बेरोजगार युवक को भी रोजगार प्रदान किया है।
विनोद की यह उपलब्धि उनके अथक प्रयासों, कड़ी मेहनत एवं प्रशिक्षण द्वारा प्राप्त कौशल का ही फल है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि और सफलता का सम्पूर्ण श्रेय बैंक ऑफ इंडिया आरसेटी खंडवा को देते हुए संस्थान का आभार प्रकट किया